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________________ न जैनागम स्तोक संग्रह २३ स्त्री लिङ्गी एक समय में जघन्य एक, उत्कृष्ट वीस सिद्ध होते है। ___२४ पुरुष लिङ्गी एक समय में जघन्य एक, उत्कृष्ट १०८ सिद्ध होते है। २५ नपुंसक लिङ्गी एक समय में जघन्य एक, उत्कृष्ट दश सिद्ध होते है। २६ ऊर्ध्व लोक में एक समय में जघन्य एक, उत्कृष्ट चार सिद्ध होते है। __२७ अधोलोक मे एक समय में जघन्य एक, उत्कृष्ट वीस सिद्ध होते है। २८ तिर्यक् (तीर्जा) लोक मे एक समय में जघन्य एक, उत्कृष्ट १०८ सिद्ध होते है। २६ जघन्य अवगाहना वाले एक समय मे जघन्य एक, उत्कृष्ट चार सिद्ध होते है। ३० मध्यम अवगाहना वाले एक समय में जघन्य एक सिद्ध, उत्कृष्ट १०८ सिद्ध होते है। ३१ उत्कृष्ट अवगाहना वाले एक समय में जघन्य एक, उत्कृष्ट दो सिद्ध होते है। ३२ समुद्र के अन्दर एक समय मे जघन्य एक, उत्कृष्ट दो सिद्ध होते है। ३३ नदी प्रमुख जल के अन्दर एक समय में जघन्य एक, उत्कृष्ट तीन सिद्ध होते है। ३४ तीर्थसिद्ध होवे तो एक समय में जघन्य एक, उत्कृष्ट १०८ सिद्ध होते है।
SR No.010342
Book TitleJainagam Stoak Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaganlal Maharaj
PublisherJain Divakar Divya Jyoti Karyalay Byavar
Publication Year2000
Total Pages603
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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