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________________ ( ८२ ) अथ श्री पुज्य परमेश्वरजौ श्रीकालुराम जी महाराजके गुणांको ढाल १ पहली | राग० सरणाटै कुचामण बहग्यो । मांरें मारुजी रो बंगलो रहग्योनौ || सर० वा बलदेव दुसाले वाला || एदेशी० कालुराम गणिन्द गणधारी ॥ थांरी सूरत लागे प्यारो जो ॥ कालु० थांरी मुद्रा मोहन गारोजी कालु • ऐत्रां• भिक्षु भारी माल नृपचंदा || जय यश मघ मांगिक मुनिंदा जौ । कालु • || १ || सप्तम पट डाल सोभायो ॥ बांसां सण खूब दोपायोजी ।। कालु० ||२|| अष्टम पट कालु छाजै ।। यांग महि यश डंका बाजैजो || कालु० ॥ ३ ॥ मंभारी ॥ लियो ओशवंश अवतारी जी ॥ कालु० ||४॥ मूलेस कुले अवतंसा | कोठारी गीत सुबंशाजी || कालु० ॥ ५ ॥ शतिमात्र छोगांजो थॉरौ ॥ ते तौसे कुछ नारीजी । गणिकापुर सहर
SR No.010338
Book TitleJain Bhajan Prakash 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJoravarmal Vayad
PublisherJoravarmal Vayad
Publication Year
Total Pages113
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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