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________________ [ १४ ] गुण सठ साल जोधपुर | साठे सुजाणगढ सुख वास ॥ उ० इकसठ चूरू फुन लाडणं बासठ बीजी बार सरदार सहर वे सठको ॥ चोसठ बिदासर सुख कार ॥ वार अब म्हांरे सुनिंदा || द० ॥ ॥ २६ ॥ चोसठ माघ सुदो बुधवारौ ॥ चोथ लाडं न्हाल || बैद उदैचंद जोङ बगाइ ॥ संत सत्यां गुणमाल ॥, मैं तो म्हांरी जाण मैं सकांइ ॥ अनुक्रमें कही ढाल || आघो पाछो नाम हुवै - तो ॥ कृपा करो दयाल || उ० चोमासैको अर्ज है ॥ पूरो मनरा कोड राजा रौं का साया पुज्यसे अर्ज करे कर जोड | मोड सिरनमण करंदा० ॥ ॥ , द० ॥ २० ॥ इति• - अथ श्री डालचंदजी महाराजके गुणां को ढाल० रागथियेटर को ० हाय सितम गजब हुआ सापुंने मुजको डस लिया ॥ इहांसे खाये इहांसे खाये इहांसे 1
SR No.010338
Book TitleJain Bhajan Prakash 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJoravarmal Vayad
PublisherJoravarmal Vayad
Publication Year
Total Pages113
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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