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निवेदन । जनविद्यालयों और शिक्षाशालाओंमें पढने वाले छात्रोंको धार्मिक और लौकिक दोनों प्रकारकी शिक्षाका समुचित ज्ञान करानेक लिये सुप्रसिद्ध लेखक पं० पन्नालालजी बाकलीवाल कृत जैनवाल. बोधकका यह चौथा भाग सुलभजैनग्रंथमालामें उस्मानाबाद निवासी गांधी कस्तूरचंद्रजीके सुपुत्र बालचंदजीक स्मरणार्थ उनके सुपुत्र श्रीमान् शेठ नेमिचंदजी वकील द्वारा प्रदत्तद्रव्यसे छपाया जाता है आशा है हमारे बंधु इससे लाभ उठावेंगे.
विनीत-श्रीलाल जैन मंत्री-भारतीयनसिद्धांतप्रकाशिनी संस्था ६ विश्वकोपलेन, वाघवाजार कलकत्ता।