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द्वितीय अध्याय आदर्श महापुरुष
[ ३३ प्रथम २२ तीर्थकरो के सम्बन्ध मे ऐसी किसी भी प्रकार की ऐतिहासिक सामग्री उपलब्ध नही है जिसमे कि उनकी ऐतिहासिक प्रामाणिकता स्थापित की जा सके । इन सभी तीर्थकरो में इक्ष्वाकुवश मे सम्वन्ध रखने वाले तीर्थकर अधिक है । इनमें से प्राय' अधिको ने सम्मेय (सम्मेत) पर्वत पर निर्वाण प्राप्त किया है । उनके जीवनकाल की लम्बी अवधि तथा एक तीर्थकर से दूसरे तीर्थकर के वीच के अंतराल पर विचार करने से ऐसा प्रतीत होता है कि ये पौराणिक पुरुष २४ बुद्धो के सख्या की समानता मिलाने के लिए ही स्थापित किए गए है ।"
सभी तीर्थकरो को मुक्ति लाभ किए आज से निम्नाकित समय व्यतीत हो चुका है
१ नमि, ५ ८४ ६८६ वर्ष २ मुनिसुव्रत, ११८४८८० वर्ष ३ मल्ली, ६५८४ ६८० वर्ष
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४ अरह, १०००० ००० वर्ष ५ कुन्थु, पल्योपम का एक चौथाई
तीन
६ शान्ति, ७ धर्म,
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तीन सागरोपम
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८ अनन्त,
सात
सोलह
विमल, १० वासुपूज्य, चालीस ११ श्रेयास, सौ १२ शीतल, एक करोड
१३ सुविधि, दस करोड १४ चन्द्रप्रभ, सौ
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१५ सुपार्श्व, एक हजार १६ पद्मप्रभ, दस 11 १७ सुमति, एक लाख,, १८ अभिनदन, दस लाख,,
ला० इन० ए० इ०, पृ० १९
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27
37
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73
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(मल्ली के मुक्ति लाभ से पूर्व )
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(४२,००३ वर्ष ८ || माह कम, महावीर के मुक्ति लाभ से पूर्व )
(गीतल के मुक्ति लाभ से पूर्व )
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