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___ पढमं अज्झयणं
कालेण निवखमे भिक्खू कालेण य पडिक्कमे। . अकालं ज विवज्जित्ता काले कालं समायरे ॥ ३१॥ परिवाडीए न चिठेज्जा भिक्ख दत्तेसणं चरे। पडिरूवेण एसित्ता मियं कालेणं भक्खए ॥ ३२ ॥ नाइदूरमणासन्ने नन्नेसि चक्खफासओ। एगो चिट्ठज्ज भत्तट्ठा लंघिया तं नइक्कमे ॥ ३३ ।। नाइउच्चे व नीए वा नासन्ने नाइदरओ। फासयं परकडं पिण्डं पडिगाहेज्ज संजए ॥ ३४ ॥ अप्पपाणेऽपवीयंमि पडिच्छन्नंमि संवुडे । समयं संजए भुजे जयं अपरिसाडियं ॥ ३५ ॥ सुकडे त्ति सुपक्के त्ति सुच्छिन्ने सुहडे मडे । सुणिट्ठिए सुलट्ठ त्ति सावज्जं वज्जए मुणी ॥ ३६ ।।
रमए पण्डिए. सासं हयं भई व वाहए। वालं सम्मइ सासन्तो गलियस्सं व वाहए ॥ ३७ ।।. खड्डया मे चवेडा मे अक्कोसा य वहा य मे। कल्लाणमणुसासन्तो पावदिट्ठि त्ति मन्नई ॥ ३८ ॥ पुत्तो मे भाय नाइ त्ति साहू कल्लाण मन्नई। पावदिट्ठी उ अप्पाणं सासं दासं व मन्नई ।। ३६ ॥ न कोवए आयरियं अप्पाणं पिन कोवए । वुद्धोवघाई न सिया न सिया तोत्तगवेसए ॥ ४० ॥ आयरियं कुवियं नच्चा पत्तिएण पसायए। विज्झवेज्ज पंजलिउडो वएज्ज न पुणो त्ति य ॥ ४१ ।।