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नंदी-सुत्तं
इच्चइयं दुवालसंगं गणिपिडगं
पडुप्पण्णकाले परित्ताजीवा आगाए विराहित्ता
चाउरतं संसारकतार अणुपरियटृत्ति इच्चे इयं दुवालसंग गणिपिडर्ग
अणागए काले अणंताजीवा आणाए विराहित्ता
चाउरंतं संसार-कतारं अगुपरियट्टिस्संति, इच्चे इयं दुवालसंगं गणिपिडगं
तीए काले अणंताजीवा आणाए आराहित्ता
चाउरंतं संसार-कतारं वीईवइंसु, इच्चे इयं दुवालसंगं गणिपिडगं
पडुप्पण्णकाले परित्ताजोवा आणाए आराहित्ता
चाउरंतं संसारकतारं वीईवयंति, इच्चेइयं दुवालसंगं गणिपिडगं
अणागएकाले अणंता जोवा आणाए आराहित्ता चाउरतं संसार-कंतारं वीईवइस्संति।. इच्चे इयं दुवालसंगं गणिपिडगं
न कयाइ नासी, न कयाइ न भवइ,
न कयाइ न भविस्सइ, भुवि च, भवइ य, भविस्सइ य, धुवे, नियए, सासए, अक्खए, अव्वए, अवट्ठिए, निच्चे । से जहानामए पंच अस्थिकाया
न कयाइ नासी, न कयाइ नत्थि, , न कयाइ न भविस्सइ,