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निरसमं अज्झयणं
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पनरसमं अज्झयणं
सभिक्खुय मोणं चरिस्सामि समिच्च धम्म
सहिए उज्जुकडे नियाणछिन्ने । संथवं जहिज्ज अकामकामे . अन्नायएसी परिव्वए जे स भिक्खू ।। १ ।।
राओवरयं चरेज्ज . लाढे
... विरए वेयवियाऽयरक्खिए। पन्ने अभिभूय . सव्वदंसी
.. जे कम्हिचि न मुच्छिए स भिक्खू ।। २ ।।
अक्कोसवहं विइत्तु धीरे
मुणी चरे लाढे निच्चमायगुत्ते । अव्वग्गमणे असंपहि?
__ जे कसिणं अहियासए स भिक्खू ।। ३ ।।
पन्तं सयणासणं भइत्ता .
__ सीउण्हं विविहं च दंसमसगं । अव्वग्गमणे असंपहि?
जे कसिणं अहियासए स भिक्खू ।। ४ ।।
नो सक्कियमिच्छई न पूयं
नो वि य वन्दणगं कुओ पसंसं । से संजए सुव्वए तवस्सी
सहिए आयगवेसए स भिक्खू ॥ ५ ॥