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णमाऽत्थणं समरणस्सभगवओ महाव रस्स ॥ जैशास्त्रमाला -पष्ठरत्नम् ॥
जैनागमन्यायसंग्रहः
संकलनकर्ता जैनधर्मीदवाकर, माहित्यरत्न, जैनागमरत्नाकर, श्रीमज्जैनाचार्य पूज्य श्री आत्माराम जी
महाराज
प्रकाशक :
जैन-शास्त्रमाला-कार्यालय
जैन उपाश्रय, लुधियाना
प्र५०० प्रवार ।
वीर सम्बत, २४७८ विक्रम सं०, २००६
मूल्य लागतमात्र । २०५०
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