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६-श्री पावागढ़नी १७-श्री गुणावाजी ७-श्री बड़वानीनी १८-श्री खण्डगिरिनी ८-श्री मांगीतुंगीनी १९-श्री तारंगाजी ९-श्री मुक्तागिरिजी २०-श्री मथुग-चौरामी १०-श्री नैनागिरिनी २१-श्री रेवातीर ११-श्री कुंथलगिरिनी इस प्रकार कुल २१ मिडक्षेत्र हैं।
पंचकल्याणक क्षेत्र । सौरिपुरी, अयोध्या, बनारस, सिंहपुरी, चंद्रपुरी, सेंटमेंट, रत्नपुरी, मोहावल, पटना, कुलुहा पहाड़, रानगृही, कुंभोज, हारिकापुरी, कंपिलानी, प्रयागराज, कौशांबोपुरी, भरवारी, खुकुन्दा, कुंडलपुर, चंपापुरी, मिथिलापुरी, अहिक्षेत्र, हस्तिनापुर व भेलसा ।
___अतिशयक्षेत्रोंके नाम। __कुलपाक (माणिक्यस्वामी), करेड़ा पार्श्वनाथ, चूलेश्वर, एरोडा रोड, उखलद, अंतरीक्ष पार्श्वनाथ, रामटेक, कुंडलपुर, बालावेट, बीनानी, मैनबद्री, गोम्मटपुग, नेर (नागठाना), स्त्वनिधि, सनौद, चमत्कारजी, झालरापाटन, वारागांव, बजरंगगढ़, बाबानगर, वेलगांव, लाडनूं, चांदनगांव, केशवजी पाटनगांव, आप्टे विघ्नेश्वर पार्धनाथ, भिंडरगांव, बिनोलिया पार्श्वनाथ, बनेड़ा, कचनेरा, तालनपुर, कौनी, भातकुली, खनराहा, पपौरा, सुमेका पहाड़, राजगृही, कारकल, बेनूर, धाराशिव, दहीगाव, चंदेरी, मालथौन, सी न, मूलबद्री, कुंडलक्षेत्र, महुमा, अंककेश्वर, चांदखेड़ो, मक्सी पार्श्वनाथ, जयपुर।