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२१-हिन्दू तीर्थोपर जाते समय ब्राह्मण, पंडा आदिसे बचते रहो।
२२-विदेशमें ज्यादः सामान मत लेनामओ, मत खरीदो । मविक बोझामें रेलका किराया, तांगा, कुलीका देनेसे बहुत खची होगा । अगर कुछ सामान खरीदो तो पार्सलसे सीधा घर भेन दो। मगर साथमें ज्यादः बोझ मत रग्बो । २३-यात्राको नाते ममय ज्यादः वर्तन, जेवर, विस्तर मत लेनाओ।
२४-अपने पास रुपया पैसा रखो, परदेशमें सवारी मजूर, खाने-पीने का सामान सब मिल जाता है। मगर फिजूलखर्च नहीं करना चाहिये।
२५-दिनमें १-२ वार आरामसे दाल-रोटी जीम लेना चाहिये । हरएक वस्तुको हरसमय खाना ठीक नहीं है। तीर्थयात्रामें रोग आदि होनेसे विघ्न होसकता है।
२६-अधिक भूखे मत रहो, रात्रिको अधिक मत जागो नहीं तो स्वास्थ्य खराब हो जायगा । ३-४ दिन सफर करके १ दिन आराम लेना चाहिये। ऐसा करनेसे बीमारीकी शंका नहीं रहती है। रात-दिन मुमाफिरी करनेसे हैरान होना पड़ता है।
२७-टिकट लेने समय होशयारी रखनी चाहिये। जितना रुपया लगता है उतना ही पासमें रखो। खिड़की के पास वापिमी दाम संभाल लो।
२८-रेलमें चढ़ जानेपर अपने संघके आदमी तथा सामान संभाल लो, कोई छूट तो नहीं गया है।
२९-चलती रेलकी खिड़की खुली मत रखो । बालबच्चों को और सामानको खिड़कीके पास मत रखो। नहीं तो गिर नायगे।