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जैन तीर्थयात्रादर्शक |
( ९८ ) अकोला |
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स्टेशन से १ मीलपर जयकुमार देवीदासजी चवरे वकीलकी धर्मशाला है । तांगावाला ) सवारी लेता है । वहीं मंदिर, कुवा, बोर्डिग, जंगल आदि सबका सुभीता है। फिर शहर में एक मंदिर है सो दर्शन करके शहर देखनेको निकले। यह बढ़िया है । हरएक वस्तु मिलती है। यहां ४० घरके लगभग दि० जैन हैं। यहांसे सवा रुपया सवारी सिरपुर तक मोटर जाती है । बीचमें माल्यागांव पड़ता है । इच्छा हो तो उतर जाना चाहिये । ( ९९ ) माल्यागांव |
यह अकोला बासीमके बीच में अच्छा शहर है। एक चत्यालय और ४० घर दि० जैनियोंका है। यहां भी एक नांदिया देखने योग्य है । यहांसे रास्ता मुड़कर मिरपुर जाता है । और यहां एक रास्ता सीधा सड़क से १२ मील मोटर मे बामीमगांवको जाता है । बामीमसे १ || ) सवारी में हिंगोली तक मोटर जाती है । हिगोली से रेलवे जाती है। सो रेलवे पूना जंकशन बदलकर १ औरंगाबाद होकर मनमाड़ जाती है । एक लाईन सिकन्दराबाद हैदराबाद निजाम होती हुई वाड़ीतक जाती है। वैझवाड़ा जाकर मिलती है । इस लाईन में एक माणिकस्वामी (सिकन्दराबाद), १ उखदळजी, १ औरंगाबाद, एरोलागेड़ ये ४ यात्रा पड़ती हैं । उनको जागे लिखेंगे ।
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(१००) सिरपुर - श्री अंतरीक्ष पार्श्वनाथ अति० क्षेत्र ।
सिरपुर ग्राम मामूली अच्छा है। यहां दि० घर ४० हैं । एक बहुत मजबूत धर्मशाला और तोप लगानेकी सीन्ही, डीगे,