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________________ ५. बन्दर, कुत्ते, बिल्ली आदिपर वैज्ञानिक प्रयोग न किये जायें। सृष्टिके प्रत्येक प्राणीको जीवित रहनेका अधिकार है। ६. हीन, पतित, लूले-लंगडे और गरीबोंके जीवनका विकास किया जाय और उनकी रक्षा की जाय। ७ उद्योग, व्यापार और लेन-देनके व्यवहारमें भ्रष्टाचार न किया जाय और परिहार्य हिंसाका वर्जन किया जाय । ८ धर्मके नामसे देवी-देवताओंके समक्ष होनेवाली पशुबलिको रोका जाय । ९. जीवित जानवरोको मारकर उनका चमडा निकालनेका हिंसक कार्य बन्द किया जाय । १० नैतिक एव अहिंसक नागरिक बननेका व्यापक प्रचार किया जाय । विश्वास है कि इस विषयमें अहिंसाप्रेमी जोरदार एव व्यापक आन्दोलन करेंगे। Soceae HTIAN ASE
SR No.010322
Book TitleJain Tattvagyan Mimansa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDarbarilal Kothiya
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1983
Total Pages403
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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