________________
चार
जैन दर्शन में तत्त्व जैन दृष्टि से लोक
सत् का स्वरूप
द्रव्य और पर्याय भेदाभेदवाद
द्रव्य का वर्गीकरण श्रात्मा का स्वतन्त्र अस्तित्व
श्रात्मा का स्वरूप ज्ञानोपयोग दर्शनोपयोग
संसारी श्रात्मा
पुद्गल
अणु
स्कन्ध
पुद्गल का कार्य पुद्गल र श्रात्मा
धर्म
श्रधर्म
श्राकाश
श्रद्धासमय