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________________ ( ५२ ) उ-जो कर्म सहित है वह संसारी जीव हैं। प्रसिद्ध के जीवों का क्या लक्षण हैं ? उ-जो संपूर्ण कर्मों से रहित होते हैं वे सिद्ध के जीव कहलाते हैं। प्र-संसारी जीव के मुख्य कितने भेद हैं। और वे कौन कौन से हैं ? उ-संसारी जीवों के मुख्य दो भेद हैं। (१) स्थावर (२) त्रस । प्र-स्थावर के कितने भेद हैं और वे कौन कौन से हैं ? उ-स्थावर के पांच भेद हैं। (१) पृथ्वीकाय, (२) अप्काय, . (३) तेउकाय, (४) वाउकाय, (५) वनस्पतिकाय । प्र-इन्द्रियाँ कितनी हैं और उन के क्या नाम हैं ? उ-इन्द्रियाँ पांच हैं। ( १) स्पर्शेन्द्रिय (२) रसेन्द्रिय (३) बाणेन्द्रिय ( ४ ) चक्षुरिन्द्रिय (५) श्रोत्रेन्द्रिय । प्र-त्रस के कितने भेद हैं और वे कौन कौन से हैं ? उ---त्रस के चार भेद हैं । (१) द्वीन्द्रिय (२) त्रीन्द्रिय (३) चतुरिन्द्रिय (४) पंचेन्द्रिय । प्र-स्थावर किस को कहते हैं ? उ-जो स्थिर रहता है वह स्थावर हैं। मhd
SR No.010319
Book TitleJain Tattvasara Saransh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSurchandra Gani
PublisherJindattasuri Bramhacharyashram
Publication Year
Total Pages249
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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