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समन्तभद्र और सिद्धसेन
पूज्यपाद
अकलङ्क
विद्यानन्द
माणिक्यनन्दि
देवसूरि
हेमचन्द्र
धर्मभूषण
निष्कर्ष
(घ) प्रमाण-भेद
(ङ) जैनन्यायमें प्रमाण-भेद
(च) परोक्ष - प्रमाणका दिग्दर्शन
द्वितीय परिच्छेद
अनुमान - समीक्षा
( क ) अनुमानका मूल रूप : जैनागमके आलोकमें
( ख ) अनुमानका महत्त्व एवं आवश्यकता
( ग ) अनुमानकी परिभाषा
वैशेषिक
मीमांसा
७६-१०७
७६
७६
८५
६०
(घ) अनुमानका क्षेत्र विस्तार : अर्थापत्ति और अभावका अन्तर्भाव ९८ अर्थापत्ति और अभाव अनुमानसे पृथक नहीं हैं
सम्भवका अनुमानमें अन्तर्भाव
प्रातिभका अनुमानमें समावेश
प्रथम परिच्छेद अनुमानभेद-विमर्श
तृतीय अध्याय
न्याय
सांख्य
बौद्ध
जैन तार्किकों द्वारा अनुमानभेद - समीक्षा
विषय-सूची : १३
( क ) अकलङ्कोक्त अनुमानभेद - समीक्षा
( ख ) विद्यानन्दकृत अनुमानभेद-मीमांसा
६२
६३
६५
६६
६७
६७
६७
६८
६८
६९
७०
७४
१०१
१०४
१०५
१०८-१२९
१०८
१०८
१* ९
१०९
१११
११२
११२
११३
११५