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अणुत्तरोववाइय वर्ग ३ धन्ना अनगार
वणिमगा णावकखति । अहासुह देवाणुप्पिया मा पडिबंध करेह ।१०१
तएण से धणे अणगारे समणेणं भगवया महावीरेणं अभणुण्णायसमाणे हट्ठ-तुटु जावज्जीवाए छह-छद्रेण अणिदिखत्तेणं तवोकम्मेण अप्पाण भावेमाणे विहरइ।११
तएण से धणे अणगारे पढम छट्टखमणपारणगंसि पढमाए पोरिसीए सज्झायं करेइ जहा गोयमसामी तहेव पापुच्छइ जाव जेणेव काकदी णयरी तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छइत्ता काकंदीए णयरीए उच्चनीय जाव अडमाणे प्रायविलं जाव नावकखइ ।१२।
तए ण से धण्णे अणगारे ताए अभुज्जताए पयययाए पग्गहियाए एसणाए एसमाणे जइ भत्त लभइ तो पाणं ण लभइ, अह पाणं लभइ तो भत्तं ण लभइ ।१३। ।
तए ण धणे अणगारे अदीणे अविमणे अकलुसे अविसादी अपरितंतजोगी जयणघडण-जोग-चरित्ते अहापज्जत्तं समुदाण पडिगाहेइ पडिगाहित्ता काकदीयो णयरीओ पडिणिक्खमइ पडिणिक्खमइत्ता जहा गोयमे तहा पडिदसेइ ।१४।
तए णं से धण्णे अणगारे, समणेण भगवया महावीरेणं अभणुण्णाए समाणे अमुच्छिए जाव अणज्झोपवण्णे बिलमिव पग्णगमूएणं अप्पाणेण आहार आहारेइ आहारित्ता, संजमेणं तवसा अप्पाण भावेमाणे विहरइ ।१५।
तए णं समणे भगव महावीरे अण्णया कयाइ काकंदीग्रो गयरीनो सहस्सववणानो उज्जाणाम्रो पडिणिक्खमइ पहिणि.