________________
जन स्वाध्यायमाला
दुल्लहे खलु माणुसे भवे, चिरकालेण वि सव्वपाणिणं । गाढा य विवाग कम्मुणो, समयं गोयम ! मा पमायए ।४। पढवि-काय-मइगनो, उक्कोस जीवो उ संवसे । - काल संखाईयं, समयं गोयम ! मा पमायए ।५।
आउ-क्काय-मइगयो, उक्कोस जीवो उ सवसे । काल संखाईय, समयं गोयम ! मा पमायए ।६। तेउ-क्काय-मइगो, उक्कोसं जीवो उ संवसे । कालं सखाईयं, समय गोयम ! मा पमायए ।७। बाउ-काय-मइगो, उक्कोसं जीवो उ सवसे । कालं सखाईय, समय गोयम ! मा पमायए।८। वणस्सई-काय-मइगो, उक्कोसं जीवो उ सबसे । काल-मणत-दुरतयं, समय गोयम ! मा पमायए ।। बेइंदिय-काय-मइगो, उक्कोसंजीवो उ संवसे। कालं संखिज्ज-सन्नियं, समयं गोयम ! मा पमायए।१०। तेइंदिय-काय-मइगो, उक्कोस जीवो उ सवसे । काल संखिज्ज-सन्निय, समय गोयम ! मा पमायए ।११॥ चउरिदिय काय-मइगो, उक्कोस जीवो उ सवसे । कालं संखिज्ज-सन्नियं, समयं गोयम ! मा पमायए ।१२। पचिदिय-काय-मइगो, उक्कोसं जीवो उ सवसे । सत्तट्ट-भव-गहणे, समयं गोयम ! मा पमायए ।१३। देवे नेरइए अइगो, उक्कोसं जीवो उ संवसे । इक्केक-भव-गहणे, समय गोयम ! मा पमायए ।१४। एवं भव-संसारे, ससरइ सुहा-सुहेहिं कम्मेहिं ।