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जैन सुबोध गुटका।
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छोड़दे ।। २ ।। पूजा करे ले जूतियों से, बल के ले हथियार को । सजा अाफ्ता भी बने, तूं क्लेश करना छोड़दे ॥३॥ सन्टर जेल के बीच तुझको, याद रख रखवाऊंगा एब तक जाहिर करे, तूं क्लश करना छोड़दे ।। ४ ।। रावण विभीपण से लड़ा, पहुंचा बिभीषण राम पां दिखो नतीजा क्या मिला, तूं क्लेश करना छोड़ दे ॥ ५॥ हार हाथी के लिये, कोणक चड़ा से भिड़ा । हाथ कुछ आया नहीं, तूं क्लेश करना छड़दे ॥ ६॥ कैकई निज हाथ से, यह बीज बोया फूट का । भरतजी नाखुश हुए, तूं क्लेश करना 'छोड़दे ॥ ७ ॥ हसन और हुसेन से, बेजा किया यजीद ने। हक में उसके क्या हुश्रा, तूं केश करना छोड़दे ॥८॥ गुरु के प्रसाद से, कहे चौथमल सुनले जरा । पाप द्वादशमां बुरा, तूं क्लेश करना छोड़दे ॥ ६ ॥
३६४ तोहमत निषेध. .. (तर्ज पूर्ववत्).. ' .
इस तरफ तं कर 'निगाह तोमत लगाना छोडदे। तुफैल है यह तेरवां, तोमत लगाना छोड़दे ।। टेर । अफसोस है इस बात की, ना सुनी देखी कभी । फौरन कहे तेने किया, तोमत लगाना छोड़दे ॥१॥ तंग हालत देख किसकी, तुं बताता चोर है। बाज आ इस जुल्म से, तोमत लगाना