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भृष्टाक
३०६
६४४ २१२
३४१ यह अधम उधारन जन्म ४३४२ यह इश्क बुरा पर नार का ३४३ यह तारा रानी प्राण से ३४४ यह मनुष्य जन्म पुण्य : "३४५ यह मोह संतान की जाई ।
३४६ यह सद्गुरु सीख सुनाई १३४७ यह सदा एकसी नाय.. : ३.३४८ यह सातों व्यसन बहुत
३४६ या नवधा भक्ति धारो । ..३५० याही की याही की बात... ३५१ ये कर्म दलं को तोड़ने में
NUMAN
२०७
२५२ रसना सीधी बोल ३५३ रहम करले अय दिला ३५४ राजन मानरे मान मान
१०३
१२६
९९९
'३५५ लगाओ ध्यान प्रभु .. ३५६ लगा जो तीर लक्ष्मण के 3५७ लगाता दिल तूं किसपर ३५८ लछमन अर्ज करे हित । ३५६ लाओजी लामो तुम ३६० लाखों कामी पिट चुके ३६१ लाखों पापी तिर गए '३६२ लाखों प्राणी तिर गए। ३६३ लाखों व्यसनी मर गए।
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