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पृष्टांक
. ३०१ . २१६
. ११७
' . २५
२०४
1:७२ एक दिन कजा जब आयगी "७३ एक धर्म साथ में . . •७४ ऐ दिल मौका ऐसा
७५ ऐसी देह पाई भजो .७६ ऐसी. पतिव्रता मिले ९७७ ऐसे कुल लजावन
७८ ऐसे चतन को समझाना.. .७६ ऐसे भाग्य उदय सुबुद्धि । ५० ऐसे विनाश काले विपरीत
क का का क्या भरोसा है ८२ कदर जो चाहे दिला ८३ कन्या पिता ले जाकर ८४ कन्या वेचो न शिक्षा ८५ कबज कर लो युवानी को ८६ कबतक हम समझावें । ७ कभी चाह की चाह
८ कभी जालिम फला फूला 'E कभी नेकी से दिल को १० कभी नैनों से पार ११ कभी भूल किली को । .६२ कभी भूल तमाखू '६३ कभी भोगों से इस दिल
१४ कभी होटल में जाकर • १५ कम मत जानियोरे
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::६१
।। ६३
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