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२-द्रव्य गुण पर्याय
२/१-सामान्य अधिकार (घ) अनेक गुणों के भावों की अपेक्षा द्रव्य में 'भेदत्व' है और
उन सबकी अखण्डता की अपेक्षा 'अभंदत्व' । ५५. चारों स्वभावों के लक्षण करो।
(क) ज्ञान दर्शन स्वभाव 'चेतनत्व' है। (ख) ज्ञान दर्शन का अभाव 'अचेतनत्व' है । (ग) रूप रस गन्ध व स्पर्श के सद्भाव को 'मूर्तत्व' कहते हैं, __ क्योंकि इनके बिना इन्द्रिय ग्राह्यत्व नहीं बन सकता।
(घ) मूर्तत्व के अभाव को 'अमूर्तत्व' कहते हैं। ८६. सामान्य व विशेष गुण किस द्रव्य में रहते हैं ?
सामान्य गुण सभी द्रव्यों में रहते हैं और विशेष गुण अपनी
अपनी जाति के द्रव्यों में। ८७ चारों स्वभाव किस किस द्रव्य में रहते हैं ?
चेतनत्व जीव में रहता है और अचेतनत्व शेष पांच द्रव्यों में ।
मूर्तत्व पुद्गल में रहता है और अमूर्तत्व शेष पांच द्रव्यों में । ८. आठों धर्म किस किस द्रव्य में रहते हैं ? सभी द्रव्यों में सभी धर्म अपेक्षावश देखे जा सकते हैं।
(६. द्रव्य का विश्लेषण) ८९. द्रव्य का विश्लेषण कितनी अपेक्षाओं से किया जाता है ?
दो अपेक्षाओं से किया जाता है-कथन क्रम की अपेक्षा और
वस्तु स्वभाव की अपेक्षा। ६०. कथन क्रम में कितने विभाग हैं ?
चार हैं-संज्ञा, संख्या, लक्षण, प्रयोजन । ६१. संज्ञा किसको कहते हैं ?
द्रव्य गुण आदि के सामान्य व विशेष नाम को 'संज्ञा' कहते हैं। ६२. संख्या किसे कहते हैं ?
द्रव्य में गुण व पर्याय कितनी-कितनी है, उसे 'संख्या' कहते हैं। ६३. लक्षण किसे कहते हैं ?
द्रव्य गुण पर्याय के प्रति किये गये लक्षण ही 'लक्षण' हैं ।