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८-नय-प्रमाण
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३-नय अधिकार नैगमनय है। जैसे-आज दीपावली के दिन भगवान वीर निर्वाण पधारे। ३६. भावी नैगमनय किसको कहते हैं ?
आगामी काल में होने वाले विषय का संकल्प वर्तमान में करना भावी नैगमनय है । जैसे-प्रतिमा बनाने के संकल्प से लाये गये पाषाण खण्ड में यह प्रतिमा है' ऐसा व्यवहार
करना। ३७. वर्तमान नैगमनय किसको कहते हैं ?
अर्ध निष्पन्न विषय को वर्तमान में निष्पन्न कहना वर्तमान नैगमनय है। जैसे- आग पर रखे अधपके चावलों को भात कहना। भावी व वर्तमान नैगमनय में क्या अन्तर है ? भावी नैगमनय का विषय दूर निष्पन्न है अथवा उसकी निष्पत्ति में राम के राज्यभिषेक वत् विघ्न पड़ सकता है। परन्तु वर्तमान नैगमनय का विषय निकट निष्पन्न है। इसकी निष्पत्ति
निश्चित है। ३९. अर्थ रूप नैगमनय कितने प्रकार का है ?
तीन प्रकार का द्रव्य नैगम, पर्याय नैगम तथा द्रव्य पर्याय
नैगम। ४०. द्रव्य नैगमनय किसको कहते हैं ?
किसी सामान्य धर्म द्वारा द्रव्य का निर्णय करने वाला अथवा द्रव्य द्वारा सामान्य धर्म का निर्णय करने वाला 'द्रव्य नैगम' है।
जैसे-जो सत् है वही द्रव्य है और जो द्रव्य है वही सत् है। ४१. पर्याय नैगमनय किसको कहते हैं ?
किसी एक विशेष धर्म पर से किसी दूसरे विशेष धर्म का निर्णय करने वाला पर्याय नैगम' है। जैसे-जो वीतरागता है वही सुख है और जो सुख है वही वीतरागता है।