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७- स्याद्वाद
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( ३ अभाव)
१ - वस्तुस्वरूपाधिकार
(३३) अभाव किसको कहते हैं ?
एक पदार्थ की (द्रव्य, गुण या पर्याय की ) दूसरे पदार्थ में गैर मौजूदगी को अभाव कहते हैं ।
३४. एक पदार्थ की दूसरे में गैर मौजूदगी क्या ?
एक पदार्थ का दूसरे रूप न होना, जैसे 'घट' का 'पट' रूप न होना ।
(३५) अभाव के कितने भेद हैं ?
चार हैं- प्रागभाव, प्रध्वंसाभाव, अन्योन्याभाव, अत्यन्ताभाव । (३६) प्रागभाव किसको कहते हैं ?
वर्तमान पर्याय का पूर्व पर्याय में जो अभाव उसको प्रागभाव कहते हैं ।
३७. वर्तमान पर्याय का पूर्व पर्याय में अभाव क्या ?
उत्पन्न होने से प्राक् (पहले) अर्थात पूर्व पर्याय की सत्ता रहते हुए वर्तमान पर्याय की सत्ता का अभाव था, क्योंकि उस समय तक वह उत्पन्न ही नहीं हुई थी । जैसे- दूध की सत्ता के रहते दही की सत्ता का अभाव है ।
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(३८) प्रध्वंसाभाव किसको कहते हैं ?
आगामी पर्याय में वर्तमान पर्याय के अभाव को प्रध्वंसाभाव कहते हैं ।
३६. आगामी पर्याय में वर्तमान पर्याय का अभाव क्या ?
वर्तमान पर्याय की सत्ता अपने से उत्तरवर्ती पर्याय की सत्ता में ध्वंस (नष्ट) रूप से रहती है। क्योंकि इसका ध्वंस ही उत्तर पर्याय का उत्पाद है, जैसे- दही का ध्वंस हो घी का उत्पाद है ।
४०. दही का दूध में अथवा दूध का दही में 'अभाव' दोनों बातें समान सी दीखती है ?
समान नहीं हैं । इनमें 'का' और 'में' के प्रयोग का अन्तर है ।