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৮-আৰ এ নালি
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२-मार्गणाधिकार है और बादर साधारण प्रतिष्ठित प्रत्येक में सर्वत्र ठसाठस भरी हुई है। आलू आदि कन्दमूल को साधारण वनस्पति कहा जाता है ? वे स्वयं साधारण नहीं हैं, पर साधारण द्वारा प्रतिष्ठित होने के कारण, उपचार से साधारण कह दी जाती हैं। निगोद व साधारण जीव में क्या अन्तर है ? 'निगोद' तो जीव का नाम है और 'साधारण' उसके शरीर का विशेषण है। अथवा एक शरीर में अनन्तों का निवास होने से वह शरीर 'निगोद' है और समान आयु आदि होने से ‘साधारण' जीव का विशेषण है । सभी निगोद जीव साधारण शरीर धारी होते हैं । एक एक साधारण शरीर में अनन्तों जीव सर्वत्र व्याप
कर रहते हैं। ६२. सप्रतिष्ठित प्रत्येक शरीर की रचना समझाओ ?
आलू आदि एक एक स्कन्ध है, उसमें असंख्यात 'अण्डर' हैं । एक एक अण्डर असख्यात 'आवास' हैं । एक एक आवास में असंख्यात पुलवी' हैं। एक एक पुलवी में असंख्यात 'शरीर' है । एक एक निगोद शरीर में अनन्त साधारण जीव व्यापकर रहते हैं । देश, नगर, मुहल्ला, घर और उसमें अनेक मनुष्यों
का एक कुटुम्ब; ऐसी ही रचना उसमें समझना । (६३) बादर और सूक्ष्म कौन कौन से जीव है ?
पृथिवी, अप, तेज, वायु, नित्य निगोद और इतर निगोद ये ६ बादर और सूक्ष्म दोनों प्रकार के होते हैं, बाकी के सब जीव
बादर ही होते हैं सूक्ष्म नहीं। (६४) योग किसको कहते हैं ?
पुद्गल विपाकी शरीर और अंगोपांग नामा नामकर्म के उदय से मनोवर्गणा, वचन वर्गणा तथा कायवर्गणा के अवलम्बन से, कर्म नोकर्म को ग्रहण करने की जीव की शक्ति विशेष को भाव योग कहते हैं। इस ही भाव योग के निमित्त से आत्म प्रदेशों के