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४. सास्वादनसम्यकदृष्टि की परिभाषा ५. सम्यमिथ्यादृष्टि को परिभाषा ६. अविरतसम्यग्दृष्टि की परिभाषा ७. दशविरत की परिभाषा ८. प्रमत्तमंयत की परिभाषा ६. अप्रमत्तमयत की परिभापा १०. निवृनिवादर की परिभापा ११. अनिवृत्तिबादर की परिभाषा १२. श्रेणि-आरूढ़ के प्रकार १३. मूक्ष्म मंपराय की परिभाषा १४. उपशान्त मोह और क्षीण मोह की परिभापा १५. मयोगी केवली की परिभापा १६. अयोगी केवली की परिभाषा १७. जीवस्यानों की स्थिति १८. सम्यग्दृष्टि आदि जीवों के क्रमणः असंख्य
गुण अधिक निर्जरा १६. सांपरायिक बन्ध की परिभाषा २०. ईर्यापथिक की परिभाषा २१. अयोगी के कर्म बन्ध नहीं २२. छद्मस्थ की परिभाषा २३. जीवस्थान अशरीरी जीवों के नहीं २४. शरीर की परिभाषा २५. शरीर के भेद २६. पांचों शरीरों की उत्तरोत्तर मूक्ष्मता और असंख्य
गुण प्रदेश-परिमाणता
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