________________
राजा पद्मनाभ अपनी सेना लेकर युद्ध हेतु नगर से बाहर निकला। उसे आया देखकर श्रीकृष्ण ने पाडवो से पूछा
-तुम लोग युद्ध करोगे या मैं करूं ?
-आप देखिए, हम लोग ही युद्ध करेगे। पाडवो ने उत्तर दिया और 'आज हम हैं या पद्मराजा है' यह प्रतिज्ञा कर पाँचो भाई युद्ध में कूद पड़े।
युद्ध मे उतर तो पडे पाँचो भाई किन्तु पद्मनाभ का सामना न कर सके । उसके तीक्ष्ण वाणो से विह्वल हो गए। राजा पद्मनाभ ने अपने तीव्र शस्त्रो से उनका गर्व नष्ट कर दिया। उनके ध्वजादि चिन्ह कट कर नीचे गिर पडे । उनका पराभव हो गया। ___ पाँचो भाई युद्ध से परागमुख होकर श्रीकृष्ण के पास लज्जा से नीचा मुख लिए लौट आये और बोले
-यह पद्मनाभ राजा महापराक्रमी और दुर्घर्ष है। हम इस पर विजय नही प्राप्त कर सकते । अब आप ही कुछ कीजिए। - । मन्द मुस्कान के साथ वासुदेव कृष्ण बोले
--पाडवो तुम्हारे हृदय मे आत्मविश्वास की कमी थी। जाते समय तुमने प्रतिज्ञा की थी कि 'आज हम है, या पद्मराजा है'। इसमे तुमने पद्मनाभ को अपने समान ही वली मान लिया । और फिर, तुम पाँच भाई थे, वह अकेला । तुम्हारी शक्ति पाँच भागो मे विभाजित हो गई तो तुम कैसे जीत सकते थे ? - -तो हमको क्या प्रतिज्ञा करनी चाहिए थी। -पॉचो ने उत्सुक होकर पूछा।
-तुम्हे दृढ विश्वास के साथ प्रतिज्ञा करनी चाहिए थी 'हम ही है पद्मनाभ नही ।' पाडवो । दृढ आत्मविश्वास ही सफलता की कुजी है।
पाडवो ने सफलता के इस मन्त्र'को हृदयगम किया। . वासुदेव बोले
-'मैं ही हूँ, पद्मनाभ नहीं' यह प्रतिज्ञा करके मैं युद्ध प्रारम्भ करता हूँ। मेरी विजय निश्चित है । तुम लोग दूर खडे रहकर देखो।
यह कहकर वासुदेव ने अपनी रथ बढाया और पद्मनाभ की सेना
रोले