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अपनी पुत्री सत्यभामा का विवाह क्रोष्टुकि निमित्तन के द्वारा बताये गए शुभ मुहूर्त मे श्रीकृष्ण के साथ कर दिया ।
-त्रिषप्ट० ८५
-- उत्तरपुराण ७०१४७५-४६७
विशेष
- उत्तर पुराण के अनुमार
१ मथुरा में प्रवेश करते ही एक हाथी ने कृष्ण पर आक्रमण किया जिनका “ उन्होंने एक दात उखाड लिया और उसमे मारने लगे । हाथी डरकर टूर ( श्लोक ४७७-४७८)
भाग गया ।
२
कम को मारने की प्रेरणा चाणूर से मल्न युद्ध करने से पहले ही वसुदेव श्री कृष्ण को देते हैं - यह तुम्हारा कस की मारने का समय है ।
( श्लोक ४८१ )
३ मुष्टिक का वलराम के साथ मत्ल युद्ध करने का उल्लेख नही है ।
४
वे कस को केश पकड़कर नही पाँव पकड़कर घुमाते हैं और भूमि पर पटक कर मार डालते हैं ।
चाणूर की मृत्यु के पश्चात् कम स्वयं अखाडे में उतरा तब कृष्ण ने उसे पैर पकड कर आकाश मे घुमाना और भूमि पर दे मारा । कस के प्राण पखेरु उड गए।
( श्लोक ४९४ )