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श्रीकृष्ण-कया-छोटी उम्र . वडे काम
१३६ पूतना भी पीछे न रही। उसने अपने स्तन विपयुक्त करके कृष्ण के मुख मे दे दिए। ___ जव ये दोनो विद्याधरियाँ' श्रीकृष्ण के प्राण-हरण के प्रयास मे लगी हुई थी तभी वासुदेव के रक्षक देवो ने उन दोनो विद्याधरियो को
१ (क) हरिवंश पुराण के अनुसार ये दोनो कम द्वारा भेजी हुई देवियाँ है । मक्षेत्र में घटना इस प्रकार है
एक दिन कम के हितपी निमित्नन वण ने कहा-'राजन् । दुम्हारा शत्रु कही आस-पास ही बढ रहा है।' तब कम ने शत्रुनाश की इच्छा ने तीन दिन का उपवाम किया। इन आकृष्ट होकर दो देवियाँ प्रगट हुई और कहने लगी-'हे राजन् । हम तुम्हारे पिछले जन्म की सिद्ध की हुई देवियाँ है। जो कार्य हो वह कहो।' कम ने बताया-'मेरा शत्रु प्रच्छन रूप से कही बढ रहा है । तुम खोजकर उसका प्राणान्त कर दो।'
__ क्म के शत्रु शिशु कृष्ण को मारने के लिए देवियाँ गोकुल पहुंची। उनमे से एक ने तो पक्षी (शकुनि) का स्प बनाया और चोच-प्रहार मे शिशु कृष्ण को मारने का प्रयाम करने लगी। कृष्ण ने उसकी चोच पकटकर इननी जोर से दवाई कि वह चिल्लाती हुई भाग गई। दूमरी देवी ने विपयुक्त ननो मे कृष्ण की मारना चाहा किन्तु कृष्ण के रक्षक देवताओ ने उनका मुख इनना कठोर बना दिया कि उनके स्तन का अग्रभाग बडी जोर मे दब गया और पीडा के कारण वह चिल्लाने लगी।
(जिनसेन हरिवश पुराण, ३५/३७-४२
__ तथा उत्तर पुराण'७०/४१२-४१६) (ख) श्रीमद्भागवत पे शकुनि का इम स्थल पर उल्लेख नहीं है । पूतना के नम्बन्ध मे लिखा है कि वह एक राक्षमी थी । कस उसको कृष्ण की हत्या के लिए भेजता है। पूतना विपयुक्त स्तनपान कराके उन्हे मार डालना चाहती है किन्तु कृष्ण उसके स्तनो का पान इतनी उग्रता से करते है कि उसके प्राण ही निकल जाते है ।
(श्रीमद्भागवत, १०/६/४-१३)