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________________ (२२) पाठ ११वां धर्मसभामें प्रवेश और . वंदन विधी... ____ जहां धर्मगुरु उपदेश देवें और श्रोता जन सुनने.को वैठे उसे धर्म सभा कहते हैं, • उसकी मर्यादा के लिये निम्नलिखित नियमों का पालन करना चाहिये. .. १ गुरु के उपर दृष्टि पड़ते ही दोनों हाथ • मस्तक को लगाना.' २ विना संकोचे खुलते या उड़ते हुए वस्त्रों __ से सभा में दाखिल नहीं होना. ३ नीची दृष्टिं रखकर यत्न पूर्वकं दाखिल होना. . . . . ४ किसी की ठोकर न लगे और धर्मोपक रण पैर न आवे उस भांति चलना. ६ गुरु के आसन से ढाई हाथ दूर रहकर वंदना करना. . ६. पांचों अंग नमा कर तिखुत्ता के पाद : का उच्चारण करते हुए तीन बार उद । बैठ कर वंदना करना.
SR No.010304
Book TitleJain Shikshan Pathmala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Pustak Prakashak Karyalaya Byavar
PublisherJain Pustak Prakashak Karyalaya Byavar
Publication Year
Total Pages67
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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