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जयद्रथ बध
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अर्जुन भो विस्मित था। श्री कृष्ण बोले-"पार्थ | चकित न हो। मैंने ही एक विद्या के द्वारा सूर्य पर अधकार का परदा डाल दिया था, ताकि जयद्रथ बाहर आ जाये । सो मेरी इच्छा पूर्ण हुई इससे तुम्हारी प्रतिज्ञा पूर्ण हुई।"
अर्जुन ने श्री कृष्ण के प्रति बडी ही कृतज्ञता प्रगट की।
इधर कौरव सेना मे शोक छा गया और पाण्डवं सेना सिंह नोद कर उठी।
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