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________________ वाहरवां दिन और एक विशाल सेना लेकर, द्रोण के पास ग्राने की प्रतीक्षा किए बिना ही, घृष्ट द्युम्न आगे बढ़ा बीच ही मे जाकर वह उन्हें घेर लेना चाहता था। जब द्रोणाचार्य ने विशाल सेना 'सहित घृप्ट द्युम्न को अपनी ओर आते देखा तो उन्हे द्रुपद राज की प्रतिज्ञा और तपस्या तुरन्त याद आ गई, जो उनकी विस्भृत्ति के गर्भ मे सुरक्षित थी । उसी समय उन्हें पितामह की मृत्यु और शिखन्डी की याद आई। उनका मन कह उठा - " शिखण्डी का जन्म पितामह के वध के लिए हुआ, वह सार्थक हो गया, और धृष्ट 'द्युम्न नेरी मृत्यु का कारण बनेगा, यह बात भी सत्य ही सिद्ध होगी ।" इतना मन मे आना था कि वे वृष्टद्युम्न के तेजमयी मुख को देख कर सिहर उठे | उन्हे वह साक्षात यमदूत प्रतीत हुआ । और शीघ्रता से उन्होने अपने रथ का रुख द्रुपद की ओर घुमवा दिया। - 1 ४९५ द्रपद द्रोणाचार्य से भिड गये । भयकर युद्ध होने लगा । क्षण भर मे ही रक्त धारा बह निकली। दोनो ओर से सैनिक 'आह' करके गिरने लगे । तनिक तनिक देर बाद महमाती जीवन ज्योतियां बुझ जाती। शवो के ढेर लग गए । वे सुन्दर युवा शरीर जो किसी परिवार के रक्त थे, रथो के नीचे, घोड़े और हाथियों के पैरों में कुचल जाते । पर दो सिंह, द्रोण तथा द्रुपद उसी प्रकार डटे हुए थे । फिर द्रोण ने अपना रथ पुनः युधिष्ठिर की ओर वढवा दिया। आचार्य को अपनी ओर श्राते देख कर युधिष्ठिर अविचलित भाव से गुरुदेव पर वाण वर्षा करने लगे। पहले तीन वाण जा कर श्राचार्य के चरणो मे गिरे और फिर दूसरे वाण उन को क्षति पहुचाने लगे । पर आचार्य के बाणो की भी झड़ी लग गई। यह देख कर सत्यजित द्रोणाचार्य पर टूट पडा । भयानक युद्ध छिड़ गया । उस समय द्रोण साक्षातं काल का रूप ग्रहण कर गए। उनके बाण पाण्डव पक्षीय वीर सैनिकों के प्राण हरने लगे। पाचाल राज कुमार वृक के प्राण उन के वाणो ने हर लिए और सत्यजित का भी वही हाल हुआ । यह देख कुपित होकर विराट पुत्र शतानीक द्रोण पर झपटा। पर दूसरे ही क्षण शतानीक का कुण्डलो वाला सिर युद्ध भूमि पर लुढकने लगा । इसी बीच केदम नामक राजा द्रोणाचार्य के सामने आया, उसने भीषण वाण वर्षां आरम्भ की, पर इस से पूर्व कि वह
SR No.010302
Book TitleShukl Jain Mahabharat 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShuklchand Maharaj
PublisherKashiram Smruti Granthmala Delhi
Publication Year
Total Pages621
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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