________________
- २४१
कौरवों के वस्त्र हरण
विभाग के पारस्परिक सम्बन्ध को अच्छी प्रकार जानने वालें, 7 ज्योतिषी मेरे कथन की पुष्टि करेगे । तुम लोगो को हिसाब मै कही भूल हुई है। इसी लिए तुम्हे भ्रम हुआ है । ज्यो ही अर्जुन ने अपने गाण्डीब: की टकार की मै समझ गया कि प्रतिज्ञा की बुधि पूर्ण होगई ।" -
- भीष्म पितामह ने ऐसी बात कह कर दुर्योधन की प्रसन्नता पर धूल फेर दी ।
वह बोला- "पितामह ! खेद कि हम लगा सके। और अब अवधि पूर्ण होते ही हमे | रहा है। जिसकी मुझे आशंका थी वही हुआ । कर युद्ध का श्री गणेश समझिये जो वे मेरे विरुद्ध लिए. करेगे, "
पाण्डवो का पता नअर्जुन से लडना पड़
आज तो उस भयराज्य छीनने के
- "मेरा विचार है कि युद्ध प्रारम्भ करने से पहले यह सोच लेना चाहिए कि पाण्डवो के साथ सन्धि कर ले या नही, भीष्म पितामह गभीरता पूर्वक बोले- यदि सन्धि करने की इच्छा हो तो उस के लिए अभी समय है । बेटा, खूब सोच विचार कर बताओ कि तुम न्यायोचित सन्धि के लिए तैयार हो या नही ।"
राज्य तो रहा इसी लिए
देखिये |
सामना
"पूज्य पितामह ! मैं सन्धि नही चाहता । दूर मैं तो उसका कोई अश भी उन्हे नही दे सकता। सfघ की बात छोडिये अब तो लडने की तैयारी कीजिए। कितना सुन्दर अवसर है कि हमारी इतनी विशाल सेना का अकेला अर्जुन करेगा । यही उन मे सब से अधिक वीर हैं। ' - दुर्योधनयुद्ध मे हम इसे मार भगाए या इसका बध हो जाये तो फिर शेष चार भाइयो को कभी भी लडने का साहस नही हो सकता । ने कहा ।
यदि
66
"पाण्डवो ने अपनी प्रतिज्ञा पूर्ण की है तो तुम्हे भी अपनी वरना रक्त पात होगा और प्रतिज्ञा पूर्ण करना ही श्रेयस्कर है । उसका परिणाम चाहे जो हो, परन्तु उसका उत्तर दायित्व तुम पर श्रायेगा । इस लिए यदि मेरी राय मानो तो सन्धि के लिए उद्यत