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________________ जैन - महाभारत को बन्दी बना लिया । मत्स्य देश की सेना जो सुशर्मा के भय भाग गई थी पुन मैदान मे आ डटी और सुशर्मा की सेना युद्ध करने लगी। भीम सेन के नेतृत्व में विराट की सेना ने सुशम की सेना पर विजय प्राप्त करली | २१६ विराट भीम का ऐसा पराक्रम देख कर बहुत ही प्रसा । सुशर्मा का हर्ष च् ग्रव सुशम 1 हुप्रा युधिष्टर ने कहा - " महाराज करने के लिए ही हम लोग प्राये थे । वह हो गया । को मुक्त कर दीजिए क्योकि क्षमाशीलता धर्म का आभूषण है दया वीरो को गोभा देती है ।" कक रूपी युधिष्ठर की वात महाराज विराट ने स्वीकार क ली और सुशर्मा को मुक्त कर दिया ।
SR No.010302
Book TitleShukl Jain Mahabharat 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShuklchand Maharaj
PublisherKashiram Smruti Granthmala Delhi
Publication Year
Total Pages621
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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