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जैन महाभारत
सादा उपाय बताइये। समय कम है। आप की राय की हमे आवश्यकता है और आप की कृपा बिना हमारा किसी कार्य मे सफल होना दुर्लभ है।"
तब भीष्म जी बोले-"राजन ! युधिष्ठिर जैसे धर्मगज, अर्जुन जैसे धनुर्धारी और भीम जैसे बलवान से टक्कर लेनी आसान बात नही है। फिर भी चूकि तुम टक्कर लेना ही चाहते हो तो इतना करो कि ऐसे महाबली की खोज कराओ जिस ने गत दम ग्यारह मास में कोई विचित्र तथा दुस्साहस पूर्ण कार्य किया हो, जिस को देख कर या सुन कर लोग अचम्भे में पड़ गए हो। बस समझ लो कि वह भीम ही है। क्योकि भीम शांत प्रकृति का व्यक्ति नही है। जैसे रवि मेघ खण्डो के नीचे छुपा होने पर भी अपना अस्तित्व बिल्कुल ही नही छुपा सकता उसी प्रकार भीमसेन लाख छुपने का प्रयत्न करे पर वह कोई न कोई ऐसा दुस्साहस पूर्ण कार्य अवश्य ही कर बैठेगा, जिस से सभी चकित हो जायें। याद रक्खो कि भीम को टक्कर का अब बस एक ही व्यक्ति और शेष है वह है बलराम! कीचक था, पर भीम से कम ।”
इतना सकेत पा कर कर्ण ने तुरन्त पूछा-"राजन् ! पितामह ने एक वात वडे काम की कही। कीचक वास्तव में बडा ही बलवान था। तनिक इस बात का पता तो लगाइये कि कीचक का वध कैसे हुअा।"
दुर्योधन ने तुरन्त उस दूत को बुलवाया जिस ने कीचक के वध का ममाचार दिया था और उस ने पूछा कि कीचक का वध किम ने और कैसे किया।
वह बोला-"महाराज यह तो ज्ञात नहीं हुआ कि कीचक को किस ने मारा। पर इतना मुना है कि उसका वध किमो स्त्री के कारण हुया।"
दुर्योधन ने बात ताड ली। वह एक बम प्रमन्न हो उठा और उल्लामातिरेक से बोला-"लीजिए पता लग गया। हम न पाण्डवो को खोज लिया।"