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जिमी TM मे यादगे। चारिय रय गरि भये ना जाय nिarगी दरी ।। ७॥ रंदपं स्पं गुमान, कम alia यो। प्रायमेन न जमदन, RATAR नियो।। जिनपरी मापने सामान प्रा। श्री पाना tires पप, में नगी nिrar 116 11 तुम मंगता राता, aft Enा पगे। सिदामदन जगतपादन. मायोर निमेश्यो।। १० ।। घर तीन गो गुन्नर मो. मीमती अब धारिये । कम्जोरि मेयोनयन, वागमन नियारिये ।। ११ ।। भर होउ भय भय मामि मेरे, सदायमा रहीं। करमोटोपादान मनमोक्षरल जायन लाहौ ॥ १२ ॥ जो एर माही एक ना ए हि घनेकनो। इस प्रफ की नारी संया, मम गिन निरन्जनो ।। १३ ।।
॥ar म तुम चरण कमल गुण गाय, बचिघि भक्ति फरो मनलाय जनम जनम प्रभु पाळतोहि, यह सेवाफल पोजे मोहि ॥१४॥ कृपा तिहारी ऐमी होय, गामन मरन मिटायो मोय । बार बार में विनती पास, तुम सेये भवसागर तर ॥१५॥ नाम लेत सय दुग्प मिट जाय, तुम दर्शन देख्यो प्रभु प्राय । तुम हो प्रभु देवन के देव, में तो कह चरण तप सेव ॥१६॥ जिन पूजा त सब सुग्ण होय, जिन पूजा सम और न कोय ।