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________________ तीर्थोके झगड़ोंपर ऐतिहासिक दृष्टिसे विचार २४७ श्वेताम्बर साधु नग्नमूर्तियोंका बुरी दृष्टिसे नहीं देखते थे और उनका अपने सम्प्रदायकी मूर्तियोंके ही समान आदर करते थे । १३-ऐसा मालूम होता है कि दिगम्बर और श्वेताम्बर प्रतिमाओंमें भेद हो जाने के बाद भी बहुत समय तक दिगम्बरों और श्वेताम्बरों में मित्रता बनी रही है । बहुत समय तक इस खयालके लोग भी दोनों सम्प्रदायोंमें बने रहे हैं कि एक दूसरेके धर्म-कार्योंमें बाधा नहीं डालनी चाहिए और दोनोंको अपने अपने विश्वासके अनुसार पूजा अर्चा करने देना ही सजनता है । अनुसन्धान करनेसे इसके भी अनेक प्रमाण मिल सकते हैं । ___ क-शत्रुजय और आबूके पर्वतोपर श्वेताम्बर मन्दिरोंके बीचों बीच दिगम्बर मन्दिरोंका आस्तित्व अब भी इस बातकी साक्षी दे रहा है कि उस समयके वैभवसम्पन्न और समर्थ श्वेताम्बरी भी यह नहीं चाहते थे कि इन तीर्थोपर हम ही हम रहें, दिगम्बरी नहीं आने पावें । ख-गन्धार ( भरोंच ) एक प्रसिद्ध बन्दरगाह था । वहाँ एक पुराना दिगम्बर मन्दिर था । जब वह गिर गया और उसकी जगह नया श्वेताम्बर मन्दिर बनवाया गया, तब वहाँके श्वेताम्बर भाइयोन दिगम्बर प्रतिमाओंको एक जुदा देवकुलिका ( देवली) में स्थापित कर दिया। यह देवकुलिका अब भी मौजूद है। ग-बिहार शरीफमें अबसे कोई ३० वर्ष पहले एक जैन मन्दिर हमने स्वयं देखा है जिसके अधिकारी श्वेताम्बर हैं । उसमें एक ओर दिगम्बरी वेदिका भी है और उसमें जो मूर्तियाँ हैं, उनका दर्शन पूजन दिगम्बरी भाई किया करते हैं। घ-ओरिएण्टल कालेज लाहौरके प्रो० बनारसीदास जी एम ० ए ० से कुछ समय पहले मालूम हुआ था कि लाहौरके एक जैनमन्दिरमें दोनों सम्प्रदायोंकी मृतियाँ दो पृथक् पृथक् वेदिकाओंमें थीं और कुछ ही वर्ष हुए अब दोनोंके बीचमें दीवार चिनवा दी गई है । ङ-पूना शहर में एक ही अहातेके भीतर दिगम्बर और श्वेताम्बर मन्दिर अब तक हैं। ___ च-ग्वालियर राज्यके शिवपुरकलाँ नामक स्थानमें एक दिगम्बर मन्दिर ऐसा है जिसमें ७-८ श्वेताम्बर मूर्तियाँ हैं और एक श्वेताम्बर मन्दिर ऐसा है जिसमें ७-८ दिगम्बरी मूर्तियाँ हैं । पहले दोनों मन्दिरोंमें दोनों सम्प्रदायके लोग जाते थे; परन्तु अब केवल भादों सुदी १० को धूप खेनेके लिए जाया करते हैं ।
SR No.010293
Book TitleJain Sahitya aur Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNathuram Premi
PublisherHindi Granthratna Karyalaya
Publication Year1942
Total Pages650
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size62 MB
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