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जैन रत्नाकर
होई। जिम गहूँ एक द्रव्य किन्तु उसकी रोटी, फीणा रोटी, वेढवा रोटी और बाटी यह सर्व द्रव्य जुदा कहिये। इसी प्रकारे भात, दाल रोटी, मांडियो, पलेच, तरकारी, पापड़, खीचिया, लड्ड, फीणी, घेवर खाजा इत्यादि। यहां उत्कृष्ट द्रव्य को नाम लेई राखै तो एक हो द्रव्य कहिये । जैसे मेवे की खीचड़ी अनेक द्रव्य निष्पन्न है किन्तु नाम लेके रखने से
एक ही द्रव्य है। ३ बिगई-दूध, दही, घी, गोल, (चीनी गुड़) तेल तथा
जे चीज कढाइमां तलायवे तेहनी गणत्री धारवी। ४ वाहण-पगरखां अथवाजोड़ा तथा मोजा चट्टी, खड़ाल
(जो पापमें पहना जाय)। ५ तंबोल-पान, सुपारी, इलायची, लवंग ,चूरण, गोली,
खाटो इत्यादिक नुं वजन धार, ।। ६ वत्थ-वस्त्र (रेशमी, सूती शण तथा ऊनना पगड़ी,
टोपी, कोट जाकिट, गंजी, चोला, कमीज, धोती, पायजामा दुपट्टा, चद्दर, शाल अङ्गोछा