________________
जैन रामायण छठा सर्म।
इस प्रकार खर और लक्ष्मणके बीचमें बहुत बड़ा युद्ध होने लगा-जो खेचरोंके लिये भयंकर और यमराजके 'लिए महोत्सव था।
उस समय आकाशवाणी हुई:-" वासुदेवके सामनेभी जिसकी ऐसी शक्ति है, वह खर राक्षस प्रतिवासुदेवसे भी अधिक है।" ___ आकाशवाणी सुन लक्ष्मणने तत्काल ही क्षुरप अस्वसे
खरका यह सोचकर, शिरच्छेद कर दिया, कि-इसका वध करनेमें इतना समय खोना व्यर्थ है। __ तत्पाश्चात खरका भाई दूषण सेना सहित लक्ष्मणसे युद्ध करनेको उद्यत हुआ। परन्तु लक्ष्मणने थोड़ी ही देरमें उसका भी संहार कर दिया; जैसे कि दावानल यूथ सहित गजेन्द्रका संहार कर देती है। . विराधको लंकाकी गद्दीपर बैठाना ।
तत्पश्चात विराधको साथ लेकर लक्ष्मण वापिस लौटे। उस समय उनकी बाई आँख फड़की; इससे आर्या सीता और रामके लिए उनको अशुभकी शंका होने लगी।
बहुत पास आने पर लक्ष्मणने रामको सीताविहीन अकेले बैठे हुए देखा। इससे उनको अत्यंत खेद हुआ। वे रामके सामने जा खड़े हुए; परन्तु रामने उनको नहीं देखा। राम विरहके दुःखसे आकाशकी ओर मुंह करके कहने लग रहे थे-" हे चनदेवता ! मैं सारे वनमें भटका मगर मैंने