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शुद्धि पत्र
पृष्ठ
पनि
अशुद्ध
१
१८
म्थापना के दो है ठक्कर ममन्वपूर्ण
शुद्ध स्थापना के दो भेद है ठक्कुर महन्वपूर्ण ठक्कुर
ठक्कर
ऊपर
शा
जन
५५
अच्छाता
दाय
अच्छता दाये गोमेध मल्लिपण
गामेध
मल्लिपण तीर्थकरी वज्रर्थ
तीर्थक
वच
हथ
हाथ
पार्वती
१०० १८ पावती ६२०१६ छाया अंतिम
महाविद्यामार
यम
१२४
महाविद्य, मार