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(६५६) जसरिकत श्लोक २३१२ , सरवाले संख्या १२७४७ . तथा एनी टिप्पणी श्रीचंइसरिकत ३००० श्लोकनी. ६श्री अनुयोगहार सूत्र.गाथार ६०० श्लोक १७००
ने तथा मनधारी श्रीहेमचंसरिकत वृत्ति संख्या ६०००, तथा श्रीजिनदास महत्तरकत चूर्णि ३००० श्लोकनी ,तथा श्रीहरिनस रिकतल घुवृत्ति संख्या ३५०० ३. सर्व संख्या १४३०० ॥ए प्रमाणे अगीयार अंग, बार उपांग, दशपय ना, बदसूत्र, चार मूलसूत्र अने बे चूलिकासूत्र, मली पीस्तालीशनी संख्या हाल गणतीमां. तेनी मूल श्लोक संख्या ७०३४० तथा मुख्य महोटी एकेक टीकाउनी सरवाले संख्या ३३४३४० , अने लघ टीकाउनी संख्या १७२६१, तेमज चूर्णीनी संख्या ए५१ ए६ तथा नियूक्ति ५११७ अने जाष्य ५०६४ .ए सर्व एकठा करीये तेवारे सर्व संख्या ६२००४ थाय. तेनी साथे श्रीमहानिशीथ सूत्रनी लघुवाचना ४२००,मध्यवांचनाए००,अनेबृहछाचना११000 एत्रण वाचनाना श्लोक नेलीयें तो ६४१४०४ थाय. ए मतांतर जाग. या कहेली संख्या मात्र पूर्वाचा ोयें प्रमाण कीधेलीज समजवी. तेथी विशेषावश्य कनी लघु टीका १४००० . ते एमां श्रावी नथी, तेमज आवश्यकनी टिप्पणी 1000 श्लोक ले, ते पण आमां गणी नथी, थने वाली घणा सिद्धांतोनी