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(४ ) ध्या जिणें पट खम देश ॥ ६ ॥ बीजो सगर नामें नूपाल, त्रीजो मघव राय सुविशाल ॥ चोथो कहीयें सनतकुमार, देव पदवी पाम्या ने सार ॥ ७ ॥ शां ति कुंथु अर व राय, तीर्थकर पण पद कहेवा य ॥ सुनूम आठमो चक्री थयो, अति लोनें करीन रकें गयो ॥ ७ ॥ महापद्म राय बुद्धि निधान, हरि पेण दशमो राजान ॥ अग्यारमो जय नाम नरेश, बारमो ब्रह्मदत्त चक्रेश ॥ ॥ ए बारे चक्रीसर क ह्या, सूत्र सिद्धांतथकी में लह्या ॥ हवे वासुदेव क ढुं नवनाम, त्रण खंम जेणें जीत्या गम ॥ १० ॥ वीर जीव प्रथम त्रिष्टष्ठ, बीजो नृप जाणो हिटष्ट ॥ स्वयंनू पुरुषोत्तम महाराय, पुरुपसिंह पुरुष पुमरि क राय ॥ ११ ॥ दत्त नारायण कृष्ण नरेश, ए नव हवे बलदेव विशेष ॥ अचल विजय जइ सुप्रन नूप, सुदर्शन आनंद नंदन रूप ॥ १२ ॥ पद्म राम ए नव बलदेव, प्रतिशत्रु नव प्रतिवासुदेव ॥ अश्वग्रीव तारक राजें, मेरक मधु निॉन बलें ॥ १३ ॥ प्रल्हाद ने रावण जरासंध, जीत्यां चक बल्लें तस सं ध ॥ त्रेशन संख्या पदवी कही, माता एकशठ ग्रंथें लही ॥१४॥ पिता बावनने शाठ शरीर, गणशात जीव महाधीर ॥ पंच वरण तीर्थकर जाण, चक्री सोवन वान वखाण ॥ १५ ॥ वासुदेव नव शामल वान, उज्ज्वल तनु बलदेव प्रधान ॥ तीर्थकर मुक्ति पद वस्खा, आठ चक्री साथे संचया ॥ १६ ॥ बल