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प्रकाशक की ओर से
श्री तिलोक रत्न स्था जैन धामिक परीक्षा बोर्ड पाथर्डी और श्री अ भा श्वे. स्था जैन कॉन्फरेन्म द्वारा तैयार कराई गई जैन पाठावली को बोर्ड ने अपने पाठ्यक्रम में स्थान देने का निश्चय किया। कॉन्फ्रेन्स ने भी पाथर्डी बोर्ड को अपनी मान्यता प्रदान करते हुए पाठावली के सातो भागो के हिन्दी और गुजराती सस्करणो का प्रकाशन करने की सम्मति , बोर्ड के पुस्तक प्रकाशन विभाग को देकर एक बडी उदारता प्रकट की है।
तदनुसार जैन पाठावली भाग ३ का तृतीय सस्करण प्रकाशित करते हुए हमे महान् प्रमोद हो रहा है ।
जालना (निझाम स्टेट) निवासी श्रीमान् फूलचन्द जवेरचन्द शाह शतश धन्यवाद के पात्र है जिनके आर्थिक सहयोग से इस पुस्तक का प्रकाशन किया जा रहा है । आपका अन्तःकरण धार्मिक कार्यों की ओर विशेष रहा करता है। पाथर्डी.परीक्षा बोर्ड सिद्धान्तशाला पुस्तकालय, श्रीवर्द्धमान जैन धर्म शिक्षण प्रचारक सभा और श्री तिलोक जैन हायस्कूल में आपने वहुमोल सहायता पहुंचाई है । आप सरल स्वभाव के उत्साही सद्गृहस्थ हैं। आपकी धार्मिक पवृत्ति सदैव वद्धमान रहे इसी शुभ-भावना के साथ प्राप्त सहयोग के लिये शनश. आभार प्रकट करते हैं । पं. बदरीनारायण शुक्ल पं शोभाचन्द्र भारिल्ल
प चन्द्र भषण मणि त्रिपाठी
मत्री-पुस्तक प्रकाशन विभाग श्री ति र स्था र धार्मिक परीक्षा बोर्ड, पाय ( अहमरनगर)