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गर्भज - गर्भ से उत्पन्न होने वाला प्राणी ।
गर्दा - कृत, कारित, अनुमोदित अपराधो की गुरु के समक्ष आलोचना |
गालना - पानी छानने का कपडा, गलना ।
गव्यूति - दो हजार धनुष के बराबर का माप, एक कोश । गारव - ऋद्धि, रस और सुख-सामग्री में आसक्ति । गुण-द्रव्य के समस्त प्रदेशों और उसकी समस्त पर्यायों में व्याप्त धर्म ।
गुण-प्रत्यय-अवधिज्ञान --- सम्यक्त्व अधिष्ठित साधना से
उत्पन्न अवधिज्ञान ।
गुणव्रत - श्रावक के पालने योग्य व्रत विशेष, पाँच अणुव्रतो में वृद्धि करने वाले दिक्, देश और अनर्थदण्ड नामक तीन
व्रत ।
गुण श्रेणी - परिणामो की विशुद्धि से कर्म-प्रदेशों की निर्जरा की रचना |
गुणस्थान-साधक के उत्तरोत्तर आत्म - विकास की चौदह भूमिकाएँ ।
गुप्ति - मन, वचन, काया की अशुभ प्रवृत्तियो का गोपन गुरु – १ बालक के उत्तरोत्तर विकास का मार्ग दर्शक,
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