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मुनि-मन की शान्त अवस्था का द्योतक ; राग-द्व ेष-रहित
साधु ।
मुमुक्षु - मोक्ष का अभिलाषी ; बन्धन- मुक्त | मुहूर्त - अडतालीस मिनट का समय ।
मूर्च्छा - मोहान्धता |
मूढ़ता - रूढिगत भेडचाल की स्वीकृति; अन्धविश्वास ; लोकमूढता, देवमूढता और गुरुमृढता के रूप में तीन प्रकार की ।
मृषावाद - अप्रशस्त वचन ।
मैत्रीभावना - विश्वमित्र के रूप में स्वयं की कल्याण के लिए मानवीय मूल्यो का मात्र के प्रति आत्मीयता ।
प्रस्तुति, लोक सम्मान, प्राणी
मैथुनसंज्ञा - संभोग की अभिलाषा, जीव का मैथुन - परिणाम | मोक्ष - मुक्ति ; लोक के अग्रभाग में शाश्वत स्थिति ; कर्म एवं देह से छुटकारा, वासना - विनाश ; निर्वाण |
मोक्षमार्ग - सम्यग्दर्शन, ज्ञान एवं चारित्र से सुशोभित
साधना पथ ।
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