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मतिज्ञान-देखें-आभिनिबोधिक ज्ञान । मद-गर्व ; कुल, जाति, लाभ, बल, रूप, ज्ञान, तप और सत्ता
आठ प्रकार का अहंकार; उन्माद ; आकर्षण का
कारण। मध्यलोक-ऊर्ध्व लोक एवं अधोलोक का मध्यवर्ती भाग;
झालर के आकार का लोक। मन-पर-पदार्थ के प्रकाशन में अतिशय साधक ; आत्मा का
करण ; मनोवर्गणा की परिणति स्वरूप द्रव्य इन्द्रिय ;
अन्तःकरण । मनापर्यव-ज्ञान विशेष ; दूसरो के मन की अवस्था को जान
लेने वाला ज्ञान। मार्ग-मोक्ष का उपाय ।
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