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ब
बन्ध - जीव - कर्म- संयोग ; कर्मों का जीव - प्रदेशो के साथ
संयोग ।
बल - सामर्थ्य ; सैन्य ; मन, वचन व शरीर के प्राण ।
बलि - त्याग ; निग्रह ।
बहिरात्मा - देह को आत्मा मानकर भौतिक भूमिका पर जीने वाला मिथ्यादृष्टि |
बहुप्रदेशी - अस्तिकाय; देखें- अस्तिकाय ।
बहुबीज -- एक फल में अनेक बीजो की विद्यमानता ।
बहुश्रुत - आगमो का ज्ञाता ।
वादर --- स्थूल ; विभाजित होने पर भी जुडने में समर्थ, जैसे दूध, घी, पानी आदि; नववाँ गुणस्थानक ।
वादर जीव- आधार के आश्रित जीव ।
S
बादर सम्पराय - स्थूल कषाय सम्पन्न जीव । वाल - अज्ञानी; मिथ्या दृष्टि ; असंयत । वालटप - अज्ञानपूर्वक तप ।
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