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प्रकाशकीय
जैन तत्त्व-जान माला का यह पहला ग्रथ है । इस पुस्तक में पट द्रव्यो में मे पुद्गल द्रव्य का मुन्दर विवेचन है। इसके लेखक श्री मोहनलान बांठिया, बी० काम, अच्छे विद्वान और परिश्रमी अनुमवित्सु है। पाठको के लिए यह पुस्तक अच्छी जानवर्द्धक मावित होगी। तेगपन्य द्विशताब्दी ममारोह के अभिनन्दन में इन पुस्तक का प्रकाशन महामभा की माहित्य प्रकागन योजना का एक अग्रगामी पादन्याम है। आगा है पाठक इमका अन्छा स्वागत करेंगे।
तेग० द्विगताब्दी ममारोह व्यवस्था उप-समिति श्रीचन्द रामपुरिया ३, पोयगीज चर्च स्ट्रीट,
व्यवस्थापक कनकत्ता
नाहित्य-विभाग २५-५-10