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अवस्यान में संगो, पृ० १४, जेयत्व अपेक्षा, पृ०६४, वर्णअपेक्षा, पृ० ६४, रस-प्रपेक्षा, पृ० ६५, गन्ध-अपेक्षा, १० ६५, स्पर्श-अपेक्षा, पृ० ६६ जाति-अपेक्षा, पृ० ६६ स्पता-अपेक्षा, पृ० ६७, द्रव्य-स्परांता-अपेक्षा, पृ० ६८, त्रिया तया गति अपेक्षा, पृ० ६६, प्रतिघाती प्रप्रघाती अपेक्षा, पृ०७४, पूर्ण स्वतनता और प्रप्रतिघातित्व, पृ०
७५, प्रनिघाती का विवेचन, पृ० ७६ ६-पप्टम अध्याय परिभाषा के नत्र, पृ०७६-८०