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जैन पदार्थ-विज्ञान में पुद्गल
की जानकारी।
पुस्तक छोटी होने पर भी इस दृष्टि से अत्यन्त महत्वपूर्ण है और परिश्रमपूर्ण शोध-खोज का परिणाम है। विषय जटिल है पर लेखक की विश्लेषणात्मक पद्धति से वह काफी स्पष्ट हुआ है।
श्रीचन्द रामपुरिया
१५, नमल लोहिया लेन
कलकत्ता २५-५-६०